अक्सर देखा जाता है कि कभी-कभी दुर्घटना, चोट, जन्मजात बीमारियों के कारण किसी व्यक्ति के एक या दोनों पैरों को काटना पड़ता है। जबकि कुछ मामलों में, क्षतिग्रस्त पैर के कुछ हिस्से को काट दिया जाता है और इस तरह एक पैर को छोटा कर दिया जाता है। फिर डॉक्टर पैर को लंबा करने की सर्जरी की सलाह देते हैं।
यह रीढ़ और कूल्हे के जोड़ को भी प्रभावित कर सकता है। दरअसल पैरों को लंबा करने की सर्जरी को अंग्रेजी में लिंब लॉन्गिंग कहते हैं। जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ होने के बावजूद कद में छोटे हैं, वे हाइट बढ़ाने के लिए इस नई सर्जरी का सहारा लेते हैं। आइए पहले जानते हैं कि लिम्ब लेंथिंग सर्जरी क्या है?
पैर लंबा करने की सर्जरी क्या है ?
पैरों में हड्डियों को लंबा करने की यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में हड्डियों और कोमल ऊतकों (त्वचा, मांसपेशियों, नसों आदि) की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ती है। आमतौर पर, प्रक्रिया में कई महीने लगते हैं। पैर को लंबा करना से पहले डॉक्टर कई तरीके से जाँच करते हैं उसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाती है। जो लोग शरीर में कुछ आवश्यक परिवर्तनों चाहते हैं वह लोग इस सर्जरी को करवाते हैं इस सर्जरी के बाद शरीर में बदलाव हो सकते हैं। आखिर पैर लंबा करने की सर्जरी कैसे होती है।
पैर लंबा करने की सर्जरी कैसे की जाती है?
पैर लंबा करने की सर्जरी में डॉक्टर नई हड्डी बनाने के लिए शरीर की अपनी क्षमता का उपयोग करती है, जबकि नरम ऊतक, तंत्रिकाएं और रक्त वाहिकाएं समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती हैं ताकि आपके दूसरे पैर की तुलना में छोटे पैर की लंबाई बढ़ सके। आपके पैर की हड्डियों में से एक को काटकर धातु को लंबा करने वाले उपकरण के साथ ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जो धीरे-धीरे हड्डी के बीच की जगह को बढ़ाता है। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की जाती है। जैसे-जैसे पैर की हड्डी बढ़ती है, वैसे-वैसे आपके शरीर में नई हड्डी की कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है ।
हड्डी की लंबाई को बढ़ने के लिए एक्सटर्नल फिक्सेटर या इंटरनल लेंग्थेनिंग नेल के साथ पूरा किया जा सकता है
एक्सटर्नल फिक्सेटर: एक्सटर्नल फिक्सेटर एक धातु से बना फ्रेम होता है जो पैर के बाहर लगाया जाता है और डॉक्टर हड्डी को पिन, स्क्रू और तारों से जुड़ाता है। कटे हुए पैर की हड्डी के दो हिस्सों के बीच की जगह को बढ़ाने के लिए एक्सटर्नल फिक्सेटर को बाहर से एडजस्ट किया जाता है।
इंटरनल लेंग्थेनिंग नेल: इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक धातु से बनी लंबी कील या रॉड का इस्तेमाल करते हैं जिसे पैर की हड्डी के बोन मैरो की गुहा (cavity ) में डाला जाता है। इसे रिमोट कंट्रोल डिवाइस से नियंत्रित किया जाता है जो कील में चुंबक घुमाता है, जिससे कील दूरबीन की तरह लंबी हो जाती है और समय के साथ हड्डी की लंबाई बढ़ जाती है।
पैरो की लंबाई बढ़ाने वाला उपकरण कई महीनों तक लगा कर रखना पड़ता है जब तक कि हड्डी पूरी तरह से ठीक न हो जाए और सही ढंग से उसका विकास न हो जाए। लंबा करने वाले उपकरण को एक आउट पेशेंट प्रक्रिया में सर्जरी के द्वारा हटा दिया जाएगा। नई हड्डी के पूरी तरह से बनने के बाद, यह किसी भी अन्य हड्डी की तरह ही मजबूत हो जाती है और इसके कमजोर होने या टूटने का कोई खतरा नहीं होता है।
पैर लंबा कराने की सर्जरी के लिए बेस्ट अस्पताल
हम आपको विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालो के नाम बता रहें हैं जो आपको उच्च गुणवत्ता का इलाज प्रदान कर सकते हैं। हॉस्पिटल में शामिल हैं:
- बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, सरिता विहार, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल, ओखला, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली
- आर्टेमिस अस्पताल
- नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी, सेक्टर 38, गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, सेक्टर 41, गुरुग्राम
- मेट्रो अस्पताल, फरीदाबाद
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली, गाजियाबाद
- अपोलो अस्पताल, बन्नेरगट्टा रोड, बैंगलोर
- फोर्टिस अस्पताल, बन्नेरगट्टा रोड, बैंगलोर
- नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिएक साइंसेज, अनेकल तालुक, बैंगलोर
यदि आप इनमें से किसी भी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9654030724) पर संपर्क कर सकते हैं।
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